सूर्यकला रामजी फाउंडेशन ने रक्तदान के क्षेत्र में रचा इतिहास
महज डेढ़ वर्ष में चंदौर गाँव को बनाया 51 रक्तवीरों का गाँव
भगवानपुर (बेगूसराय) कौन कहता है की आसमां में सुराख नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो | जी हाँ,इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है महज डेढ़ वर्ष पूर्व बिहार सरकार से रजिस्टर्ड हुई सामाजिक संस्था सूर्यकला रामजी फाउंडेशन ने | वैसे तो इस संस्था ने महज डेढ़ वर्ष में ही सैकड़ों छोटे - बड़े सामाजिक कार्य करके ना सिर्फ बेगूसराय बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी हजारों लोगों की मदद करके लोगों के भरोसे पर खड़ी उतरी है बल्कि रक्तदान के क्षेत्र में ऐसी इबादत लिख दी है जो अपने आप में एक अनोखी पहल है | एक समय हुआ करता था जब रक्तदान के नाम पर लोगों के पसीने छूट जाते थे परंतु ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के अंदर बैठे डर को इस संस्था ने ना सिर्फ समाप्त किया बल्कि उन्हें जागरूक कर संस्था का प्रधान कार्यालय जिस गाँव में अवस्थित है उसी गाँव चंदौर से इक्यावन युवाओं और महिलाओं को जागरूक कर उनसे रक्तदान भी कराया | किसी एक गाँव से इतनी बड़ी संख्या में रक्तदान शायद ही जिले के किसी गाँव में देखने को मिले |इस संबंध में सूर्यकला रामजी फाउंडेशन के संस्थापक सह सचिव शैलेन्द्र कुमार सिंह उर्फ सोनू ने बताया की हमारी संस्था का नाम मेरे माता और पिता के नाम पर हमने रजिस्टर्ड कराया है और इस नाम में जितनी पवित्रता है उतनी ही पवित्रता के साथ हमारी संस्था से जुड़े सदस्य और शुभचिंतक काम भी करते हैं | शैलेन्द्र कुमार सिंह ने आगे बताया की वैसे तो पूरे जिले के सैकड़ों युवाओं ने संस्था के माध्यम से अपना रक्तदान कर चुके हैं लेकिन किसी भी गाँव में इतनी भारी संख्या में रक्तवीर नही होते | परंतु, जहाँ हमारी संस्था का प्रधान कार्यालय है उस चंदौर गाँव में हमने इक्यावन रक्तवीरों का समूह खड़ा कर दिया और आने वाले समय में इस संख्या को बढ़ाकर सिर्फ चंदौर गाँव से एक सौ एक रक्तवीरों का समूह बनाने का लक्ष्य है |ब्लड के अभाव में किसी मरीज की जान नही जानी चाहिए ये सूर्यकला रामजी फाउंडेशन का प्रयास रहता है | इस नेक कार्य में लगातार चंदौर के युवाओं में सत्यम,श्रवण,प्रिंस,संतोष,मिथुन,सरोज और शाहनवाज हसन का सहयोग मिल रहा है |