राज्य खाद्य आयोग में आज 2 साल पूरा हुआ ।
दिनांक 4 फरवरी 2022 को हम अपने कार्यकाल के 2साल पूरा किया ।
हमने कई ऐसे कार्य को पूरा किया जिसे 2014 से हमारे अध्यक्ष पद पर पदस्थापन के पूर्व किसी ने नही किया था।
कार्यालय :- सबसे पहले आयोग के कार्यालय को सौंदर्यीकरण कराया । सदस्य सचिव का पदस्थापन कराया ।
आयोग की पहली बैठक आयोजित किया और उसका प्रदताव निर्गत कराया ।
कर्मी नियमित समय से आना शुरू कर दिए ।
आवेदन पत्र रजिस्ट्री पोस्ट से आयोग कार्यालय में आने लगे ।
आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाने लगा ।
बेवसाइट बनाया गया तथा टॉल फ्री नम्बर संचालित किया गया
कोरोना के विरुद्ध जंग में दिन रात मेहनत की ।देश और विदेश में फंसे न सिर्फ बिहार बल्कि यूपी, प0 बंगाल, औऱ महाराष्ट्र के लोगो को संबंधित राज्यों में भेजवाने में आयोग की योगदान रही । नेपाल फंसे 50,000 से ज्यादा और अन्य दूसरे देशों में फंसे लोगों को देश वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सहित प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को पत्राचार किया । इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा लोग बिहार वापस लौटे ।
क्षेत्र भ्रभण :- जिलो में भ्रमण एवं समीक्षा बैठक में अधिकारियों को पहली बार आयोग के कार्यों एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के सारे प्रवधानों से अवगत कराया गया ।
सोशल मीडिया और फेशबुक के जरिये आयोग के कार्यो को प्रचार प्रसार किया ।
न्यायालय की गतिविधियां संचालित करना:- न्यायालय की गतिविधियां प्रारम्भ की गई । अध्यक्ष सभी कार्य दिवस में तथा सदस्य साप्ताहिक कोर्ट संचालित करना परम्भ किये ।
परन्तु कार्यालय के उदासीनता एवं असहयोग के चलते न्ययालय नियमित नही हो सका ।
सैकड़ो परिवाद आज भी लम्बित है ।
अध्यक्ष और सदस्य सचिव तथा अन्य कर्मी तो कार्यालय में उपस्थित होते है परंतु सरकार के सचिव स्तर के पद पाए सदस्यगण एक दिन भी कार्यालय में नही आते है ।
इतना ही नही आयोग के बैठकों से ज्यादा महत्व जिला भ्रमन मे दिया करते है ।
जबकि सरकार कार्यालय आने जाने का बहन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया गया है ।
वार्षिक प्रतिवेदन -आयोग का पहली बार वार्षिक प्रतिवेदन प्रकाशित किया जाएगा ।
कृषि भवन नई दिल्ली NFSA कार्यालय में पत्राचार कर 29,लाख राशि आवंटित कराने का कार्य किया । इसके लिए कृषि भवन दिल्ली का दौरा किया ।
इस बीच काफी झंझावातों को झेलाना पड़ा है ।
अभी और चुनौतियां बाकी है जिसे झेलना पड़ेगा।
लक्ष्य है बिहार राज्य खाद्य आयोग को मॉडल के रूप में पेश करना ।