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आम बजट आम आदमी के लिए नही -खबरी लाल

 आम बजट आम आदमी के लिए नही -खबरी लाल


आज प्रात से ही देश के प्रत्येकआदमी को केन्द्र सरकार के आम बजट से बडी उम्मीदे थी। हो भी क्यो नही ' हमारे यहाँ प्रजातंत्र है। प्रजातंत्र मे जनता अपने प्रतिनिधि को चुनकर सता के सिन्धासन  बिठा कर निशचित हो जाती है। अब उनका भाग्य विधाता उनका प्रतिनिधि (सांसद / विधायक ) है । जो उसके लिए नीति / जन कल्याण हेतु कार्य करेगी । प्रत्येक वितीय वर्ष के आरम्भ मे ही अनुमानित निधि का लेखा जोखा संसद मे पेस की जाती है जिसे आम बजट के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक सरकार को अपने नागरिको के हिस्से मे कुछ न कुछ राहत मिले चहुँमुखी विकाश हो  ऐसी कोशिस रहती है, लेकिन आज वितमंत्री सीता रमण ने जो लोक सभा के पटल पर आम बजट पेस की है । उसमे अमीरों को अधिक अमीर बनाने वाला यह चुनावी बजट है । केन्द्र सरकार द्वार आज पेश बजट 2021-22 पर  देश की खराब आर्थिक स्थिति को सुधरने के लिए मोदी सरकार ने बजट में किसी तरह की सुनिश्चित व्यवस्था नहीं की।कोरोना काल मे कंगाली के कगार पर आ गए मध्य वर्ग को कोई राहत नहीं ,और न ही  इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ाया गया। बजट में पुराने बेरोज़गारोंऔर कोरोना काल में हुए बेरोजगारों काम देने की कोई व्यवस्था नहीं कि गई। बजट को देख कर लगता है कि इस सरकार को केवल चुनाव जीतने की चिंता सता रही है।इसलिए उसने चुनाव होनेवालेराज्योंबंगाल,आसाम, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के लिए सड़क कॉरिडोर और आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की है,ताकि बड़े उद्योगपतियों के माल आसानी से इन राज्यों तक पहुंच जाए। और वे ही मालामाल होते रहें। सरकार एक तरफ आत्म निर्भर भारत बनाने की बात करती है लेकिन देश के युवा की बेरोज़गार व अर्ध बेरोजगारों के लिए उसने किसी योजना व कोई राहत पैकेज देने की बजट में घोषणा नहीं की। प्राइवेट स्कूल और निजी उद्योग सदी के भीषण संकट में हैं। सरकार ने बजट में इनको संकट से उबरने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उनकी आर्थिक की भरपाई  हो सके।  जब तक बेरोजगारों, छोटे उद्योगों और मंझोले व्यापारियों के हितों की रक्षा के प्रावधान बजट में शामिल नहीं किये जायेंगे तब तक भारत आत्म निर्भर नहीं बन सकेगा। यह बजट अमीरों को राहत देने वाला गरीबों को कंगाल बनाने वाला बजट है। हम सब का सौभाग्य है कि आम आदमी हमारी तरह पत्रकार / आर्थिक पंडित नही होता है।इसलिए ये समझ ही नहीं  की सरकार ने देश के लिए जो बजट बनाया है उसमें आम आदमी के लिए क्या फायदे का है और क्या नुक्सान का ?केंद्र सरकार के वित मंत्री सीता रमण जी के लाल रंग  सी करशमाई बजट को लेकर सबकी उत्सुकता थी कोरोना के कहर व कोहराम से आम जनता के दुःख दर्द पर महरम पट्टी व राहत भरी होगी लेकिन जब बजट आया तो ये उत्सुकता पानी के बुलबुले की तरह पल भर में शांत भी हो गयी , उम्मीद मेरी घरी की घरी रह गई । यह तो होना ही था ।इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी और आक्रांत कर देने वाली बीमारी कोविड- १९ का असर इस बजट पर साफ़ दिखाई दे रहा है. सरकार ने अपने बजट में देश के स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाएं है.गनीमत ये है कि इन योजनाओं का नाम किसी महान नेता के नाम पर नहीं है. साल 2021-22 के लिए स्वास्थ्य सेक्टर को 2.38 लाख करोड़ रुपये आवंटित होंगे. ऐसे में स्वास्थ्य बजट पिछले साल के मुकाबले 135 फीसदी बढ़ गया है. कोविड वैक्सीन के लिए साल 2021-22 के लिए 35 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं. अगर जरूरत पड़ी तो और आवंटित किया जाएगा. केंद्र की एक नई योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लॉन्च की जाएगी, इस योजना पर 6 वर्षों में करीब 64180 करोड़ खर्च होगा.सरकार की ये योजना आयुष्मान योजना की तरह कितनी कामयाब होगी आप अनुमान लगा सकते हैं .

सरकार की इन योजनाओं से देश में स्वास्थ्य सेवाओं की दशा और स्तर सुधरेगा या नहीं इसके बारे में अभी से कहना ठीक नहीं है लेकिन एक कोशिश की गयी है इसलिए इसकी सराहना करने में अपना क्या जाता है ।सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर 223846 करोड़ खर्च करने का मन बनाया है .मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा और न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा . 5 साल में 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे.पहले से चलाये जा रहे शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़ 5 साल में खर्च होंगे और शहरी इलाकों के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा.अच्छी बात ये है कि ‘ ‘निमोकोक्कल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा, जिससे 50 हजार बच्चों की जान हर साल बचाई जासकेगी.सरकार इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल शुरू करेगी ताकि पब्लिक हेल्थ लैब्स को कनेक्ट कर सकें.इसके साथ ही देशभर में 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स शुरू किए जाएंगे. इसके अलावा 9 बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब शुरू होंगी.आपको पता ही है कि कोई भी बजट वास्तविकता की घरातल से कितनी दूर और कितना पास होता है. मुझे तो हर बजट एक फुलझड़ी जैसा लगता है ,जो बुझते ही राख में बदल जाता है.बहरहाल इस  बजट से देश के उम्रदराज पेंशनभोगी बूढ़े खुश होकर सरकार को अपना आशीर्वाद दे सकते है क्योंकि वित्‍त मंत्री ने बजट 2021 में बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया है कि पेंशन से कमाई पर टैक्‍स नहीं देना होगा. सिर्फ इतना ही नहीं बुजुर्गों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है, इसके तहत 75 साल से ऊपर आयु वाले बुजुर्गों को आयकर से छूट प्रदान की गई है. यानी उनको अब टैक्‍स रिटर्न नहीं देना होगा. इसके साथ ही वित्‍त मंत्री ने जो अहम ऐलान किए हैं, उन पर एक नजर:बजट में दो महीने से दिल्ली कि वार्डर पर हो किसान आन्दोलन कर रहे किसानों के लिए जो असल घोषणा की जाना थी वो तो नहीं की लेकिन कुछ तो किया है .जो किया है उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया जाना शामिल है.वैसे सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.सरकार ने बजट में 2020-21 में किसानों को गेहूं के लिए 75,060 करोड़ रुपये, दालों के लिए 10,503 करोड़ रुपये और धान के लिए भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ रुपये भुगतान होने का अनुमान है. कृषि उत्पादों के निर्यात में 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा.गेहूं उत्पादन करने वाले लाभान्वित किसानों की संख्या 2019-20 में 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख हो गई है. 2021-22 में एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ का है ।कोच्चि,चेन्नई,विशाखापट्‌टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे. तमिलनाडु में मल्टीपर्पज सी-विड पार्क बनेगा.और सबसे ख़ास बात ये कि एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड तक एपीएमसी की भी पहुंच होगी । मै बजट की बारीक नही  जानता हूँ जितना कि हमारे अर्थ शास्त्री /आर्थिक सलाहकार जानते है।इसलिए मै ये नहीं कह सकता कि आम बजट जन विरोधी है या प्रगतिशील .बस केवल बजट है ।देश हर साल बजट का ऐलान करती है,विपक्ष और अर्थशास्त्री बजट पर प्रतिक्रियाएं देतेहैं क्योंकि बजट वे ही समझ पाते हैं.जनता के जीवन पर बजट बहुत कम असर डालते हैं .बजट देश की वास्तविकताओं से दूर रहते आये हैं ,सो ये बजट भी कुछ अलग नहीं है..

सरकार जैसे देश के नवरत्नों कम्पनी के पीछे हाथ धोकर पीछे पड़ी है । वैसे ही अब भारतीय जीवन बीमा के पीछे पड़ी है. बजट में श्रीमती सीतारमण ने सीना ठोंककर कहा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ अगले वित्तीय वर्ष में बाजार में आ जाएगा. सरकार विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जल्द ही एलआईसी को शेयर बाजार में लिस्ट कराएगी और फिर आईपीओ के जरिए कंपनी की आर्थिक हैसियत का पता लगाया जाएगा.

एक नागरिककी हैसियत से मेरी व्यक्तिगत राय है कि हम सभी को अपनी जेब की आय - व्यय को ध्यान मे रख अपना बजट बनाना . चाहिए  ताकिअपने घर का बजट  ना खराब हो । मै आप को अगाह कर दूँ कि इस बजट से न आपकी रसोई आपके स्कूटर / मोटर साईकिल और कार राहत मिलने वाली है। । .इस बजट का लाभ भी उन्हीं जेबों में जाता दिखाई दे रहा है जिनके लिए हमारी सर्वशक्तिमान लोक प्रिय सरकार बीते छह साल से काम करती आ रही है .इसलिए आइये न श्रीमती सीतारमण को कोसिये और न प्रधानमंत्री जी को.सबको बधाई दीजिये या देश द्रोही या खालिस्तान समर्थक / नक्सलवादी के तगमे लेने के तैयार रहे । खबरीलाल आप से विदा लेता है। फिर मिलेगे । तीरछी नजर ' तीखी खबर के साथ ।

नाकाहुँ से दोस्ती 'ना काहुँ से बैर । खबरी लाल तो मांगे सबकी खैर ।

प्रस्तुति 

विनोद तकिया वाला

स्वतंत्र पत्रकार / स्तम्भ कार

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