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नगर निकायों के गठन के घोषणा बाद, मुखियों के पंचायत चुनाव लड़ने पर हो जाएगी पाबंदी।

 नगर निकायों के गठन के घोषणा बाद, मुखियों के पंचायत चुनाव लड़ने पर हो जाएगी पाबंदी।



 बेतिया/पश्चिम चम्पारण:- सरकार के नगर आवास विभाग के द्वारा नगर निकाय के गठन के कारण ,त्रिस्तरीय पंचायतों का भूगोल बदल जाएगा ,इस संबंध में चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों पर बड़ी आफत आएगी ,क्योंकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नगर निकायों के परिसीमन होने के पश्चात कई नगर निकाय का क्षेत्र भी बढ़ जाएगा, ऐसे में सीधे तौर पर बहुत से क्षेत्र नगर परिषद क्षेत्र में चले जाएंगे ,और कई पंचायतों का विलीन एक दूसरे में हो जाएगा,इस पहल के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के  काम से काम 400- 500 से अधिक जनप्रतिनिधियों को छुट्टी तय मानी जाएगी, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य ,वार्ड सदस्य ,वार्ड पंच का क्षेत्र, नगर निकायों में समाहित हो जाएगी, नगर निकाय संशोधन अधिनियम 2020 के कारण कई पंचायतों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा, इसके जनप्रतिनिधियों को नगर निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने का नया विकल्प मिलेगा,पंचायती राज कानून के तहत औसतन सात हजार की आबादी पर एक पंचायत का गठन होता है ,प्रति पंचायत में औसतन 32 से 35 जनप्रतिनिधि होते हैं, इस तरह 300 पंचायतों के करीब 10,000 जनप्रतिनिधि 2021 का पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पंचायत चुनाव के जनप्रतिनिधियों को इस नए नियम के अंतर्गत कई तरह के प्रधानों का सामना करना पड़ेगा,नए परिसीमन के अनुसार, बहुत सारे पंचायतों के क्षेत्र, नगर पंचायत ,नगर परिषद क्षेत्र में समाहित हो जाएंगे ,जिससे जनप्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने में काफी परेशानियां होगी, अब देखना यह होगा कि इस नियम के अंतर्गत कौन-कौन सी पंचायतें  नगर पंचायत और नगर परिषद के क्षेत्र में आ जा रही हैं, अभी लौरिया व जोगापट्टी भी नया नगर पंचायत क्षेत्र में आ रहा है, इसलिए इस क्षेत्र के लोगों को भी चुनाव लड़ने में कुछ कठिनाइयां सामने आएंगी, इन क्षेत्रों का भी परिसीमन होने के बावजूद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।।

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