हिंदू मुस्लिम एकता के सच्चे पक्षधर थे, राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब!
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया/पश्चिम चम्पारण:- राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब की 223 वी जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि ककर्यक्रम का आयोजन, सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार, सत्याग्रह भवन में उर्दू के विश्व प्रसिद्ध सह राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब की 223 वी जन्मदिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया !जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों ने भाग लिया! इस अवसर पर सर्वप्रथम ,राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला गया! इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद ने कहा कि आज ही के दिन आज से 223 वर्ष पूर्व 1797 ई0 को राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब का जन्म हुआ था! उनका सारा जीवन राष्ट्र कवि के रूप में भारत की अंतरात्मा को समाज के बीच प्रकट करने में रहा! उन्होंने उर्दू भाषा में अपने विभिन्न रचनाओं के माध्यम से समाज को एक नई दिशा प्रदान की! ताकि समाज में नई जागृति उत्पन्न हो !इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल, युवा समाजसेवी मोईन अली ने कहा कि नई पीढ़ी को मिर्जा गालिब के आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है ताकि भारत एक विकसित राष्ट्र बन सके! इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ने कहा कि राष्ट्रकवि मिर्जा गालिब ने अपनी रचनाओं में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की विस्तृत दास्तान को कलम बंद किया है! जिसमें 1857 में अंग्रेजों के अत्याचार की विस्तृत दास्तान है!।