बिहार के सभी दफाओं में कथित रूप से बंद
जे पी सेनानी आन्दोलनकारियों को पेंशन और सम्मान सभी को समान रूप से दिलाया जाये। 1974-77 बिहार जे पी आन्दोलनारियों में सिर्फ मीसा, डीआईआर वालों को पेंशन और सम्मान दिया जा रहा है जबकि समानता के हिसाब से सभी अन्य दफाओं में बंदी बनाये गये तथा सभी जृ पी आन्दोलनकारियों पर से एक समान 1978 में जननायक कर्पूरी ठाकुर द्वारा सभी मुकदमें एक साथ समान रूप से वापस लिया गया है, लेकिन पेंशन और सम्मान देने में नीतीश जी की सरकार ने 2010 से विभेद करते हुए अन्य दफाओं में बंद
आन्दोलनकारियों को पेंशन नहीं दिया जा रहा है जबकि सभी का सूचीबद्ध नाम संधारित है। बिहार के प्रतिपक्ष के नेता से मांग किया जाता है कि वर्तमान चल रहे सत्र में इस विभेदकारी असमानता के विरूद्ध आबाज बुलंद कर सभी को पेंशन और सम्मान बराबरी में दिलानेके लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कृपा करेंगे जिससे समाजिक संघर्ष की महत्ता के औचित्य को न्याय मिल सके।
भवदीय
तरूण निश्चल " प्रज्ञान "
( पूर्व ए एफ डी ओ )
जे पी सेनानी, समाज सेवी,
प्रदेश उपाध्यक्ष,राष्ट्रीय जनता दल,
बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ ,बिहार प्रदेश।
साहित्यकार एवं लोक कवि