जनहित याचिका CWJC-5617/21 में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई पहली सुनवाई।
लाभुकों को उचित न्याय नहीं मिलने तक जारी रहेगा ऐसा आंदोलन :- अभिमन्यु सिंह (याचिकाकर्ता)
समाज के एकता और जागरूकता से ही रूक सकता है राशन वितरण में अनियमितता का दौर :- अभिमन्यु सिंह ( याचिकाकर्ता )
पटना :- माननीय उच्च न्यायालय पटना के आदेश जनहित याचिका (CWJC) -5617/2021 पर बिहार राज्य खाद्य आयोग में सदस्य सचिव श्री मो०वसीर के न्यायालय में पहली सुनवाई हुई। बताएं कि जहां याचिकाकर्ता अभिमन्यु सिंह, उनके साथ साकेत कुमार (हाईकोर्ट) के अधिवक्ता वहीं साथ में विरेन्द्र कुमार सिंह अधिवक्ता (सिविल कोर्ट बेगूसराय) भी मौजूद थें। वहीं अपनी पक्ष रखने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा और प्रखंड विकास पदाधिकारी संदीप कुमार पांडे मौजूद हुए, जहां जिला आपूर्ति पदाधिकारी बेगूसराय के पक्ष में प्रतिनिधि के तौर पर भी अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा ही दिखें। मगर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा इस सुनवाई में अनुपस्थित दिखें। बताएं कि सुनवाई के दौरान सदस्य सचिव के द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए पहले याचिकाकर्ता अभिमन्यु सिंह को कहा गया। जिस दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून 2013 के अंतर्गत केन्द्र सरकार व राज्य सरकार ने जो गरीब परिवार के लिए सस्ते दामों पर राशन देने की बातें बताएं वो केवल कागजी बातें देखने मिल रहा है बृहद पैमाने पर लूट खसोट मची हुई है। वहीं एक ही परिवार के राशन वितरण में बृहद पैमाने में धांधली, मल्टीपल राशनकार्ड निर्माण, एक व्यक्ति का दूसरे पंचायत में भी राशनकार्ड , इत्यादि अन्य बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा । द्वितीय पक्ष की ओर से अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा ने अपनी ओर से बचाव में बताएं कि जो भी लाभार्थी मल्टीपल राशनकार्ड बनाएं वो केवल 6 ही थें। जिसमें 4 राशनकार्ड कैंसल कर दिया गया। जब माननीय सचिव सदस्य मो० वसीर अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा से सवाल किए CWJC 5617/21 में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद क्या कार्रवाई हुई तो अनुमंडल पदाधिकारी तेघड़ा द्वारा शून्य बताया गया। इत्यादि बिंदु पर अपनी पक्ष रखें। जिसपर आयोग संतुष्ट नहीं दिखें। पत्रकारों से बातचीत करतें हुए याचिकाकर्ता अभिमन्यु सिंह के अधिवक्ता साकेत कुमार ने बताया ये उचित राशन वितरण नहीं करना ये पूरे बिहार में होता है जिसपर माननीय उच्च न्यायालय ने उदाहरण के तौर पर केवल तेघड़ा प्रखंड देते हुए पूरे बिहार में सुधार करने की बातें बताई। वहीं अधिवक्ता विरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविंद 19 आने से बिहार समेत पूरी देश में लॉकडाउन लगाया गया उसमें जनवितरण प्रणाली के दुकानदार द्वारा बहुत ही धांधली किया गया। जो कि सबूत के तौर पर अगले सुनवाई में दिया जायेगा। याचिकाकर्ता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि ये राशन वितरण में अनियमितता जैसे कि आप लोग देख सकते हैं कि ये पूरे राज्य में होते देखा जा रहा है। जिससे कभी भी लाभुकों को उचित मापतौल के साथ राशन नहीं मिलता है , और जब कोई शिक़ायत करने अधिकारी के समक्ष जातें हैं तो अधिकारी द्वारा लाभुकों को न्याय दिलाने पक्ष में नहीं दिखते हैं । इसे हम साफ लफ्जों में कह सकते हैं कि सैकड़ों किलों अनाज जो लाभुकों को मिलना चाहिए वो भ्रष्टाचारियों के द्वारा गबन कर लिया जाता है। हम ये भी कह सकते हैं कि पूरे बिहार में करीब 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का अनाज प्रति महीने गबन होता है तेघड़ा प्रखंड तो एक उदाहरण है। जिससे भ्रष्टाचार का सारे मामला प्रकाश में आया। जब तक उचित लाभुकों को उसके अधिकार नहीं मिल जाएंगे तब तक इस लड़ाई का अंत नहीं होगा। और जनता से ये अपील भी किए अगर कहीं कोई जनवितरण प्रणाली के दुकानदार अगर उचित मापतौल से कम राशन मुहैया करवाते हैं तो पूरी सबूत के साथ हमें भेज सकते हैं मेरा नंबर है 8271791023 Email ID - manyu12beg@gmail.com है । आगे ये भी अपील किए इस राशनकार्ड और राशन वितरण में अनियमितता खत्म करने के लिए पूरे समाज को आगे आना चाहिए। समाज के एकजुटता से ही ऐसे बड़ा भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकता है।