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BREAKING NEWS रोसडा अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक दलितों से करते हैं भेदभाव की जांच हो: राय

 रोसडा अनुमंडलीय  अस्पताल के उपाधीक्षक दलितों से करते हैं भेदभाव की जांच हो: राय 


 समस्तीपुर जिले के रोसडा अनुमंडल के अनुमंडलीय अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट राणा विशव विजय सिंह एवं ग्रेड 1 नर्स भारती के क्रियाकलापों की जांच कराने की मांग अनुमंडल के ब्लॉक के आशा बहुओं ने जिलाधिकारी समेत वरीय अधिकारी को पत्र लिखकर कराने की मांग की है।

डिप्टी सुपरिटेंडेंट के अनुमंडल मुख्यालय में नहीं रहने, आशा बहू से नाजायज वसूली करने, एवं यौन शोषण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गये हैं । उल्लेखनीय है कि डॉ राणा विशव विजय सिंह 2010 ने सरकार द्वारा कांटेक्ट पर रखा गया था जब से लगातार पैरवी पैसे के बल पर रोसरा अनुमंडल में ही जमे रहे है।साथ ही 11वर्षों के अवधि में करोड़ों  रुपए अवैध संपत्तियों का अर्जित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अस्पताल में ही रंगरेलियां मनाने का भी गंभीर आरोप है। जैसा की यह भी  चर्चा है रोसडा  अनुमंडल अस्पताल में उक्त डॉक्टर के बिना इच्छा के कोई दूसरा नर्स नहीं रह सकता। समस्तीपुर सिविल सर्जन के लगातार आदेश के बावजूद भी आशा बहुओं के भुगतान नहीं किए जाने का भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। समस्तीपुर जिला स्वास्थ समिति समस्तीपुर एवं राज सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के संरक्षण प्राप्त होने के भी चाचा जोड़ों पर है। चाचा यह भी है कि कांटेक्ट पर नियुक्ति के बाद से लेकर आज तक रोसरा छोड़कर इनका पदस्थापन कहीं दूसरे जगह नहीं हुआ है साथ ही हॉस्पिटल मुख्यालय पर में भी यह नहीं रहते हैं यह कहां कार्य की सरकारी क्वार्टर डैमेज है। रोसडा अनुमंडल अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट के रूप में बनाए जाने के पीछे भी स्वास्थ समिति एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को नाजायज रूप से प्रभावित किए जाने के कारण सीनियर डॉक्टरों को पदस्थापित नहीं कर जूनियर को पर डाल दिया गया है। इस बीच अपन पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आरके राय ने जिला अधिकारी सह जिला  स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष शशांक शेखर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नीतीश कुमार , स्वास्थ्य सचिव बिहार पटना को पत्र भेजकर गंभीरता से जांच कराने की मांग की है साथ साथ डिप्टी सुपरिटेंडेंट के खिलाफ दलित अत्याचार अधिनियम के तहत अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है । इस मामले पर समस्तीपुर के सिविल सर्जन एसके गुप्ता से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला बहुत गंभीर हैं जिसकी जांच की जा रही है जांच प्रतिवेदन आने के बाद कानून सम्मत निर्णय लिए जाएंगे। डॉ गुप्ता ने यह भी बताया कि मुझे मात्र दो-तीन महीने पहले ही मैं यहां सिविल सर्जन के रूप में पदस्थापन हुए हैं  सूचना मिलते ही जांच कमेटी गठित कर भेजे गए हैं।

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