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डीआईजी के विरुद्ध अब तक क्यों नहीं हुआ कार्यवाही

 भोपाल डीआईजी के विरुद्ध अब तक क्यों नहीं  हुआ कार्यवाही ?



.नई दिल्ली - 30 जनवरी ::- लोक तंत्र के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया ने ना केवल अपनी पहचान भारत मे बनाई है वरन् विश्व के अधिकतर प्रजातंत्र देशो मे यहाँ का उद्धाहरण दिया जाता है। लेकिन सब बडी दुख की बात तब होती है जब हमारे किसी पत्रकार पर जानलेवा हमला या झुठे मामले मे  समाज के दबगो व सरकार के नुमाईनदे द्वारा साजिश कर फसाया जाता है। आये दिनो हमे इस तरफ खबरे सुनने व देखने आते रहते है। एक ऐसी ही घटना का प्रकाश मे आया है जिसमे मीडिया पत्रकार को दबाने और परेशान की घटनाजिसकी पुष्टी पीड़ित पत्रकार ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान किया।

पीड़ित पत्रकार अनम इब्राहिम मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अधिमान्य पत्रकार हैं जो लम्बे समय से खोजी पत्रकारिता करते रहे हैं। राज्य और जिले के आला अधिकारियों ने भी अनम इब्राहिम के कार्य की सराहना की है।

अनम इब्राहिम ने बताया कि भोपाल के वर्तमान डीआईजी इरशाद वली द्वारा मुझे पर गलत आरोप लगाये गये है । राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार पर भोपाल में चल रहे अवैधानिक रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ खबर प्रकाशित करने पर लगातार स्थानीय धार्मिक के साथ मिलकर धमकी देने के बाद झूठे मुकदमे पंजीबद्ध किए गए जिसका माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्पष्टीकरण भी हो चुका है। जात—पात को महत्व देने वाले कट्टरवादी इरशाद वली पर पुलिस की नौकरी से पहले और बाद में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के अनेकों मामले जांच मे कट्टरवादी इरशाद वली द्वारा ना सिर्फ मुस्लिम मंत्रियो—नेताओं व इस्लाम समर्थक कट्टरवादी मौलानाओं के साथ उच्च स्तरीय साजिश की गई बल्कि ऐसे हर जगह एक विशेष समुदाय की अमानवीय भावनाओं को महत्व दे संविधान के दायरे से बाहर जाकर एक पक्षीय सामूहिक लाभ पहुचाकर देश भर को हानि पहुंचा रहा हैं इसका भी साक्षो के साथ खुलासा किया गया। पत्रकार को किस प्रकार झूठे शाजिस में फंसाया गया जिसे माननीय कोर्ट ने फटकार लगाते हुए निरस्त किया। पत्रकार अनम इब्राहिम ने सरकार और प्रशासनिक विभाग से न्याय और भ्रष्ट अधिकारी को सजा देने की मांग की।

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