जिला पार्षदों के द्वारा डीडीसी कार्यालय पर धरना आयोजित
मधुबनी
जिला परिषद, मधुबनी के विक्षुब्ध गुट के जिला पार्षदों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विभिन्न मांगों के समर्थन में सोमवार को अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम शुरू कर दिया। यह धरना कार्यक्रम उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष शुरू किया गया। जिला परिषद की बीते 28 अगस्त 2020 को हुई सामान्य बैठक की कार्यवाही पर जिप अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षर कर कार्यवाही को अनुमोदित करने एवं जिला परिषद के माध्यम से मनरेगा के तहत योजना लेकर योजनाओं का क्रियान्वयन करने की मांग को लेकर जिला परिषद के विक्षुब्ध गुट के जिला पार्षदों ने अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया। धरना पर बैठे जिला पार्षदों का कहना था कि बीते 28 अगस्त को हुई जिला परिषद की सामान्य बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष ने 15वीं वित्त आयोग मद की अनुशंसा के आलोक में जिला परिषद के पास उपलब्ध राशि से योजनाओं का क्रियान्वयन कराने एवं जिला परिषद से मनरेगा के तहत भी योजना लेकर योजनाओं का क्रियान्वयन कराने के लिए उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को अधिकृत किया गया था। जिप अध्यक्ष के इस प्रस्ताव को जिप की सामान्य बैठक में सर्वसम्मत से पारित किया गया था। लेकिन उक्त बैठक की कार्यवाही पर हस्ताक्षर कर जिप अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित नहीं किए जाने के कारण मनरेगा के तहत जिला परिषद द्वारा योजनाओं का कार्यान्वयन नहीं किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि, 15वीं वित्त आयोग मद की राशि से योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। जिप की गत सामान्य बैठक की कार्यवाही को जिप अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित नहीं किए जाने से जिला परिषद द्वारा मनरेगा का कार्य ठप पड़ा है।धरना पर बैठने वाले जिला पार्षदों में मो. तजमुल हुसैन, संजय राम, राम अशीष पासवान, मो. जहांगीर अली, महादेव सहनी, महावीर साहु, संजय कुमार, रमणजीत चौधरी, राज नारायण चौधरी, जीबू मंडल, मिथिलेश कुमारी, अनिता कुमारी, अजय साह आदि शामिल थे। हालांकि बाद में उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने धरनार्थियों से वार्ता कर स आश्वासन देकर धरना कार्यक्रम समाप्त कराया। डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने जिला परिषद से मनरेगा योजनाओं का शीघ्र कार्यान्वयन शुरू कराने, जिला परिषद की सामान्य बैठक भी शीघ्र आहुत कराने एवं जिप की गई बैठक की कार्यवाही का भी अनुमोदन कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद जिला पार्षदों ने धरना समाप्त कर दिया।