सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनने से शुख शांति और विकास होता है।
वॉइस ऑफ इंडिया के संवाददाता रामआधार सहनी के साथ प्रभात कुमार साहनी की खास रिपोर्ट अपने क्षेत्र के खबरों एवं विज्ञापन के लिए संपर्क मो.9534457880
तेघड़ा प्रखंड क्षेत्र के पकठौल पंचायत के तेघड़ा मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री अशोक सहनी के दरवाजे पर शिव गुरु चर्चा एवं सत्यनारायण भगवान का पूजन आयोजन किया गया। इस पूजन कार्यक्रम में आचार्य इनके द्वारा सत्यनारायण भगवान की भी सुनाए उन्होंने बताया कि सत्यनारायण भगवान की महिमा भगवान सत्यनारायण विष्णु भगवान का ही एक रूप हैं. भगवान सत्यनारायण का उल्लेख स्कन्द पुराण में मिलता है. स्कन्द पुराण में भगवान विष्णु ने नारद को इस व्रत का महत्व बताया है. कलयुग में सबसे सरल, प्रचलित और प्रभावशाली पूजा भगवान सत्यनारायण की ही मानी जाती है।सत्यनारायण पूजा की खास बातें ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सत्यनारायण व्रत कथा के दो भाग हैं। पहले व्रत-पूजन और दूसरा सत्यनारायण की कथा। कहते हैं कि कलियुग का सबसे कल्याणकारी व्रत है।सत्यनारायण भगवान का व्रत क्योंकि इनकी पूजा बेहद आसान और विशेष है. - इनकी पूजा कम से कम सामान और बहुत सरल तरीके से की जा सकती है. - इनकी पूजा में गौरी-गणेश नवग्रह और समस्त दिक्पाल भी शामिल हो जाते हैं। इनकी पूजा केले के पेड़ के नीचे करें या अपने घर के ब्रह्म स्थान पर करें। प्रसाद में पंजीरी, पंचामृत, फल और तुलसी दल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। पुजारी किशोर सहनी ने बताए की हम हर साल पूजा धूम धाम से करते हैं। किर्तन भी आयोजित किया जाता है। लोग भजन कीर्तन का आनंद उठाते हैं और भक्ति में झूमे रहते हैं। फिर पूजन आरती का आयोजन किया जाता है आरती होतें ही अंत में लोग प्रसाद ग्रहण करने लगे।